रूस की तरफ से लड़ रहा था गुजराती युवक, यूक्रेनी सेना के सामने सरेंडर; भारत ने क्या कहा
रूस की तरफ से लड़ रहा था गुजराती युवक, यूक्रेनी सेना के सामने सरेंडर; भारत ने क्या कहा
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कीव स्थित भारतीय दूतावास इस खबर की सत्यता की जांच कर रहा है। उन्होंने बताया कि इस मामले में यूक्रेनी अधिकारियों से अभी तक कोई औपचारिक सूचना भी नहीं मिली है। ‘कीव इंडिपेंडेंट’ अखबार ने यूक्रेनी सेना के हवाले से अपनी रिपोर्ट में कहा कि 22 वर्षीय हुसैन रूस की एक यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने आया था।
सेना की ओर से जारी वीडियो में हुसैन ने कहा कि उसे मादक पदार्थों से संबंधित आरोपों में सात साल की सजा सुनाई गई थी। आगे की सजा से बचने के लिए उसे रूसी सेना के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर करने का अवसर दिया गया था। हुसैन ने कहा कि मैं जेल में नहीं रहना चाहता था इसलिए मैंने विशेष सैन्य अभियान के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। लेकिन मैं वहां से बाहर निकलना चाहता था।
हुसैन को 16 दिनों के प्रशिक्षण के बाद एक अक्टूबर को अपने पहले लड़ाकू मिशन पर भेजा गया, जो तीन दिनों तक चला। उसने कहा कि अपने कमांडर से झगड़े के बाद उसने यूक्रेनी सैनिकों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। उसने वीडियो में कहा कि मैं लगभग दो-तीन किलोमीटर दूर एक यूक्रेनी खाई में पहुंचा। मैंने तुरंत अपनी राइफल नीचे रख दी और कहा कि मैं लड़ना नहीं चाहता। मुझे मदद चाहिए। मैं रूस वापस नहीं
विदेश मंत्रालय ने पिछले महीने कहा था कि भारत ने रूस से रूसी सेना में सेवाएं दे रहे 27 भारतीय नागरिकों को मुक्त करने और स्वदेश वापस भेजने का पुरजोर आग्रह किया है। भारत बार-बार रूस से अनुरोध करता रहा है कि वह रूसी सैन्य इकाइयों में सहायक कर्मचारी (जैसे रसोइये और सहायक) के रूप में काम कर रहे सभी भारतीयों को मुक्त करे।